मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधान सचिव शिक्षा को पीरियड आधार पर लगे 2630 एसएमसी शिक्षकों को छुट्टियों के बीच मानदेय देने के मामले में उचित कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। सीएम कार्यालय ने इस बारे में प्रधान सचिव शिक्षा को एक मेल भी भेजी है। मुख्यमंत्री के इस आदेश के बारे में पीरियड आधारित एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज रोंगटा को भी ई-मेल से अवगत करवाया है।
रोंगटा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ई-मेल के माध्यम से एक अर्जी भेज कर एसएमसी शिक्षकों के लिए फरवरी और मार्च महीने का मानदेय जारी करने की मांग की थी। रोंगटा ने यह मांग उठाई थी कि एसएमसी शिक्षक ने बगैर मानदेय के ही फरवरी और मार्च महीनों में स्कूलों में काम किया है, मगर उनका मानदेय अभी तक जारी नहीं हुआ है।
हालांकि सरकार की ओर से उनके सेवा विस्तार के बारे में भी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई थी। इसके बावजूद यह शिक्षक स्कूलों में अपनी सेवाएं देते रहे। इनसे सेवाएं ली जाती रहीं। इन्होंने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी कि कुछ एसएमसी शिक्षक इतने गरीब हैं कि उनके परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया है, इसलिए इस वक्त वे आर्थिक रूप से बहुत परेशान हैं। ऐसे कई शिक्षकों ने आठ साल तक लगातार अपनी सेवाएं दी हैं।
उनके पास आय का कोई दूसरा साधन नहीं है। उन्होंने मांग की कि एक एसएमसी शिक्षकों की श्रेणी को छोड़कर बाकी सभी श्रेणियों के लिए और अंशकालिक कामगारों तथा अन्य कर्मचारियों के लिए वेतन और मानदेय की घोषणा की गई है। रोंगटा ने कहा कि प्रदेश में इस वक्त 2630 एसएमसी शिक्षक शिक्षक कार्यरत हैं। उन्होंने मांग की कि मानवीय आधार पर एसएमसी से लगे इन शिक्षकों के मानदेय को जारी किया जाए। जिससे यह भरण पोषण कर सके। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को फरवरी और मार्च महीने का वेतन नहीं काटने का भी आग्रह किया।